SIDH KUNJIKA NO FURTHER A MYSTERY

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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

पर्सनल फाइनेंसस्टॉक मार्केटम्यूचुअल फंड्सक्रिप्टोआईपीओ

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।

मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।

The daughter from the mountain who is complete in herself, who is usually traveling while in the sky, aid me obtain mastery over the chant of your Goddess of Devi Mahatmya/ Saptashati 



गोपनीयं more info प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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